महिला दिवस पर सिमरन तेजवानी ने दृष्टिबाधित छात्रों को साइबर जागरूकता से किया सशक्त

महिला दिवस के अवसर पर साइबर विशेषज्ञ सिमरन तेजवानी ने इंदौर के हेलन केलर ब्लाइंड स्कूल, नवलखा में एक विशेष साइबर सुरक्षा जागरूकता संगोष्ठी आयोजित की। इस कार्यक्रम में दृष्टिबाधित छात्रों को ऑनलाइन ठगी, साइबर अपराधों और डिजिटल धोखाधड़ी से बचाव के महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए।
संगोष्ठी के दौरान सिमरन तेजवानी ने छात्रों को कॉल स्कैम, फेक URL फ्रॉड, पार्सल स्कैम, फिशिंग अटैक और डिजिटल अरेस्ट जैसे साइबर अपराधों की जानकारी दी। उन्होंने बच्चों को साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 और www.cybercrime.gov.in के माध्यम से साइबर अपराध की शिकायत दर्ज कराने के तरीकों को भी समझाया।

तकनीक के प्रति जागरूक दृष्टिबाधित छात्र
संगोष्ठी के दौरान एक अनोखी बात सामने आई—दृष्टिबाधित छात्र न केवल सोशल मीडिया जैसे Facebook, WhatsApp, Twitter (X) और पेमेंट ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं, बल्कि Google Voice Recognition टूल की मदद से रील्स भी स्क्रॉल करते हैं। यह देखकर सिमरन तेजवानी भी अचंभित रह गईं और उन्होंने कहा,
“तकनीक किसी के लिए रुकावट नहीं है। यदि सही दिशा में साइबर सुरक्षा का ज्ञान दिया जाए, तो हर व्यक्ति अपने डिजिटल अधिकारों की रक्षा कर सकता है।”
छात्रों ने पूछे साइबर कानून और करियर से जुड़े सवाल
कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने न केवल साइबर क्राइम से बचाव के तरीके सीखे, बल्कि साइबर लॉ और साइबर सिक्योरिटी में करियर की संभावनाओं पर भी प्रश्न पूछे। सिमरन तेजवानी ने उन्हें बताया कि किस प्रकार डिजिटल सुरक्षा के क्षेत्र में करियर बनाया जा सकता है और आगे चलकर वे इस क्षेत्र में कैसे योगदान दे सकते हैं।

विशेष रूप से सक्षम बच्चों को मिली नई दिशा
यह सेमिनार दृष्टिबाधित बच्चों के लिए केवल ज्ञानवर्धक ही नहीं, बल्कि उनके लिए नई संभावनाओं के द्वार खोलने वाला भी साबित हुआ। इस कार्यक्रम के माध्यम से उन्हें यह एहसास हुआ कि वे भी साइबर अपराधों से न केवल खुद को बचा सकते हैं, बल्कि अन्य लोगों की भी मदद कर सकते हैं।

इस मौके पर सिमरन तेजवानी ने कहा,
“अगर सही जानकारी दी जाए, तो कोई भी साइबर अपराधों का शिकार होने से बच सकता है। यह संगोष्ठी मेरे लिए भी एक नई सीख थी, क्योंकि मैंने महसूस किया कि डिजिटल दुनिया में कोई भी पीछे नहीं रह सकता—बस सही मार्गदर्शन की जरूरत होती है।”
यह संगोष्ठी महिला दिवस के अवसर पर विशेष रूप से आयोजित की गई थी और इसमें सिमरन तेजवानी को उनके योगदान के लिए विशेष रूप से सम्मानित भी किया गया।

साइबर अपराध के बढ़ते मामलों के बीच, ऐसे जागरूकता कार्यक्रमों की आवश्यकता और अधिक महसूस की जा रही है। सिमरन तेजवानी जैसी विशेषज्ञों की पहल से न केवल आम नागरिक बल्कि विशेष रूप से सक्षम बच्चे भी डिजिटल दुनिया में आत्मनिर्भर बन रहे हैं।